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बिलासपुर के छात्रों ने 2024-25 ओलंपियाड परीक्षा में किया उत्कृष्ट प्रदर्शन..

बिलासपुर के छात्रों ने 2024-25 ओलंपियाड परीक्षा में किया उत्कृष्ट प्रदर्शन..

बिलासपुर: विश्व के सबसे बड़े ओलिंपियाड, साइंस ओलंपियाड फाउंडेशन द्वारा आयोजित इंटरनेशनल ओलंपियाड परीक्षा 2024-25 में बिलासपुर के तीन छात्रों ने इंटरनेशनल रैंक हासिल की है। आधारशिला विद्या मंदिर के छात्र धैर्य अगीचा ने इंटरनेशनल मैथमेटिक्स ओलंपियाड में पहली रैंक हासिल कर इंटरनेशनल गोल्ड मैडल के साथ प्रमाण पत्र अर्जित किया। वहीँ शिव शक्ति कॉन्वेंट स्कूल की छात्रा प्रियांशिका कुमारी ने भी इंटरनेशनल हिंदी ओलंपियाड में दूसरा स्थान प्राप्त किया और इंटरनेशनल सिल्वर मैडल के साथ प्रमाण पत्र जीता। बचपन एकेडमिक ओशन पब्लिक स्कूल की छात्रा अमाया रोहरा ने भी इंटरनेशनल हिंदी ओलंपियाड में तीसरी रैंक प्राप्त करते हुए इंटरनेशनल ब्रोंज मैडल और प्रमाण पत्र हासिल किया।

इस वर्ष के एसओएफ ओलंपियाड में 72देशों के लगभग लाखों छात्रों ने भाग लिया, जिसमें बिलासपुर के 18600 से अधिक छात्र शामिल थे। प्रतिभागियों में दिल्ली पब्लिक स्कूल और ब्रिलियंट पब्लिक स्कूल सहित बिलासपुर के उल्लेखनीय स्कूल शामिल थे।

साइंस ओलंपियाड फाउंडेशन (एसओएफ) ने दिल्ली के डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में 2024-25 ओलंपियाड परीक्षाओं के टॉपर छात्रों को सम्मानित किया। इस कार्यक्रम में विभिन्न स्कूलों के 750 से अधिक छात्र और शिक्षक मौजूद थे। इस अवसर पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जे.के महेश्वरी मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे।

इस वर्ष 222 छात्रों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया। इंटरनैशनल रैंक-1 पर आने वाले 74 छात्रों को 50,000 रुपये और गोल्ड मेडल, इंटरनैशनल रैंक-2 के विजेताओं को 25,000 रुपये और सिल्वर मेडल, जबकि इंटरनैशनल रैंक-3 के छात्रों को 10,000 रुपये और ब्रॉन्ज मेडल प्रदान किए गए। इस के साथ साइंस ओलंपियाड फाउंडेशन ने शिक्षकों को भी सम्मानित किया।

समारोह में छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों को संबोधित करते हुए सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश जे.के माहेश्वरी ने कहा कि आज की पीढ़ी को ज्ञान के साथ-साथ संस्कारों से भी सशक्त करना हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी है। शिक्षा के साथ-साथ उन्हें संस्कार देने की भी आवश्यकता है, जिससे वे राष्ट्रनिर्माता बन सकें। जो लोग अपने भीतर शिक्षा का प्रकाश लेकर चलते हैं, वे कभी भी अधिक समय तक अंधकार में नहीं रहते

साइंस ओलंपियाड फाउंडेशन के संस्थापक निदेशक महाबीर सिंह ने बताया कि 2024-25 की ओलंपियाड परीक्षा में 72 देशों के 4000 शहरों की 96,499 से अधिक स्कूलों के लाखों छात्रों ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि एसओएफ के पिछले 27 वर्षों से बच्चों की प्रतिभा को निखारने और उन्हें वैश्विक स्तर पर प्रतियोगिताओं के लिए तैयार करने का कार्य कर रहा है। ओलंपियाड में शामिल होने वाले छात्रों को उनकी योग्यता के अनुसार अंतरराष्ट्रीय, राज्य और स्कूल स्तर पर रैंक दी जाती है, जिससे वे अपनी क्षमताओं और सुधार की संभावनाओं को समझ सकें।

इसी के साथ एसओएफ ने कई सामाजिक और शैक्षणिक पहल भी की हैं, जिनमें “गर्ल चाइल्ड स्कॉलरशिप स्कीम” के तहत आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की 300 होनहार छात्राओं को वार्षिक छात्रवृत्ति दी जाती है। वहीं “डिफेंस सर्विसेज फैमिली स्कॉलरशिप” के अंतर्गत रक्षा सेवाओं से जुड़े 260 छात्रों को शैक्षणिक प्रदर्शन के आधार पर छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम, शैक्षणिक शिविर और प्रदर्शनियां भी आयोजित करता है। “अकादमिक एक्सीलेंस स्कॉलरशिप ” के अंतर्गत 72 देशों के 260 छात्रों को ट्रॉफी, प्रशस्ति पत्र और नकद पुरस्कार देकर सम्मानित किया जाता है। संस्था का उद्देश्य छात्रों की प्रतिभा को पहचानना, प्रोत्साहित करना और उन्हें विश्व मंच पर आगे बढ़ने का अवसर देना है।

कार्यक्रम में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति विजय कुमार शुक्ला, और डॉ. सतीश आर्य, डीन, सीबीएलयू , भिवानी हरियाणा, भी विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए।

हर साल एसओएफ आठ ओलंपियाड परीक्षाएँ आयोजित करता है जिसमे, इंटरनेशनल कंप्यूटर साइंस ओलंपियाड, नेशनल साइंस ओलंपियाड, इंटरनेशनल मैथमेटिक्स ओलंपियाड, इंटरनेशनल इंग्लिश ओलंपियाड, इंटरनेशनल जनरल नॉलेज ओलंपियाड, इंटरनेशनल कॉमर्स ओलंपियाड, इंटरनेशनल सोशल स्टडीज़ ओलंपियाड, और इंटरनेशनल हिंदी ओलंपियाड शामिल हैं।

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