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बिलासपुर में गुंडागर्दी बेलगाम: पत्रकार और उनके पिता पर जानलेवा हमला, पुलिस गस्त लापरवाही उजागर**

**बिलासपुर में गुंडागर्दी बेलगाम: पत्रकार और उनके पिता पर जानलेवा हमला, पुलिस गस्त लापरवाही उजागर**
*शराबियों को मना  करना पड़ा महंगा,; SSP के निर्देश के बाद सक्रिय हुई पुलिस*

बिलासपुर। शहर में कानून-व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं। सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र में एक पत्रकार और उनके पिता पर घर में घुसकर जानलेवा हमला किया गया, जिससे इलाके में सनसनी फैल गई। पीड़ित फोटो जर्नलिस्ट शेखर गुप्ता ने मोहल्ले में घर के बाहर शराब पी रहे युवकों का विरोध किया था, जिसकी कीमत उन्हें और उनके परिवार को चुकानी पड़ी।

घटना गुरुवार रात करीब 10:30 बजे की है, जब पुलिस गश्त का दावा किया जाता है। मोहल्ले में शेखर गुप्ता ने कुछ युवकों को शराब पीने से मना किया तो वे उल्टा भड़क उठे। बात गाली-गलौज तक पहुंची और फिर आरोपियों ने शेखर के घर में घुसकर उन पर वार कर दिया। शेखर को बचाने आए उनके पिता अशोक गुप्ता भी हमले में घायल हो गए। स्थानीय लोगों की मदद से दोनों घायलों को तुरंत सिम्स अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उनका इलाज जारी है।

इस हमले के बाद स्थानीय निवासियों में भारी आक्रोश है। उनका कहना है कि मोहल्ले में शराबियों की गुंडागर्दी लगातार बढ़ती जा रही है और पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है। इस घटना ने न सिर्फ पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं, बल्कि यह भी दिखा दिया है कि आम जनता ही नहीं, बल्कि पत्रकार तक सुरक्षित नहीं हैं।

घटना के बाद भी पुलिस की कार्यशैली में लापरवाही दिखी। आरोपियों को पकड़ने में पुलिस को घंटों लग गए। मामला जब तूल पकड़ा और मीडिया व समाजसेवियों ने आवाज उठाई, तब जाकर एसएसपी के निर्देश पर सिटी कोतवाली पुलिस हरकत में आई। तीन संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।

सवाल यह है कि क्या बिलासपुर पुलिस को हर बार ऊपर से दबाव आने के बाद ही कार्रवाई करनी होगी? क्या गश्त की जिम्मेदारी सिर्फ कागजों तक सीमित रह गई है? जब एक पत्रकार खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर सकता, तो आम नागरिकों की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जा सकती है?

यह घटना न सिर्फ कानून-व्यवस्था की पोल खोलती है, बल्कि एक बार फिर यह साबित करती है कि पुलिस-प्रशासन को अपने रवैये में बदलाव लाना होगा। शहरवासियों को अब उम्मीद है कि आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सकेगी।

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