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जातिगत जनगणना: वंचित वर्गों के हक की दिशा में निर्णायक कदम – गिरधारी यादव*

*जातिगत जनगणना: वंचित वर्गों के हक की दिशा में निर्णायक कदम – गिरधारी यादव*

 

*जिला जांजगीर चांपा* रायपुर/नई दिल्ली। भारत में जातिगत जनगणना की बहुप्रतीक्षित घोषणा आखिरकार केंद्र सरकार द्वारा कर दी गई है, जिसे कांग्रेस पार्टी और विशेषकर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की संघर्षपूर्ण जीत के रूप में देखा जा रहा है। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव व वरिष्ठ नेता गिरधारी यादव ने केंद्र सरकार की इस घोषणा का स्वागत करते हुए इसे दलित, पिछड़े और शोषित वर्गों के अधिकार की दिशा में ऐतिहासिक और क्रांतिकारी कदम बताया है।

गिरधारी यादव ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि जातिगत जनगणना उन समुदायों के लिए वरदान साबित होगी जो दशकों से विकास की मुख्यधारा से वंचित रहे हैं। उनका कहना है कि यह कदम सामाजिक न्याय की पुनर्स्थापना का आधार बनेगा, जिससे सामाजिक, आर्थिक, प्रशासनिक और राजनीतिक क्षेत्रों में जनसंख्या के अनुपात में वंचित वर्गों को भागीदारी मिल सकेगी।

*राहुल गांधी की प्रतिबद्धता की जीत*

यादव ने कहा कि यह उपलब्धि केवल एक राजनीतिक घोषणा नहीं, बल्कि उस प्रतिबद्ध संघर्ष का परिणाम है जो राहुल गांधी ने निरंतर संसद के भीतर और बाहर किया। उन्होंने याद दिलाया कि राहुल गांधी ने संसद में साफ शब्दों में कहा था कि “आप मेरी कितनी भी आलोचना करें, लेकिन एक दिन जातिगत जनगणना पास होकर रहेगी।” आज उनकी बात सच होती दिख रही है।

*अब भी अधूरी है लड़ाई*

हालांकि गिरधारी यादव ने आगाह किया कि केवल घोषणा से काम नहीं चलेगा। केंद्र सरकार को अब इसकी अधिसूचना जारी कर बजट की व्यवस्था करनी होगी और इसे समयबद्ध रूप से क्रियान्वित करना होगा। उन्होंने यह भी आशंका जताई कि कहीं भारतीय जनता पार्टी इसे केवल एक चुनावी जुमला बनाकर आधे-अधूरे स्वरूप में न छोड़ दे। उन्होंने दोहराया कि जब तक जनगणना के आंकड़ों का विश्लेषण कर नीतियों में वास्तविक भागीदारी सुनिश्चित नहीं होती, तब तक यह लड़ाई अधूरी है।

*जातिगत जनगणना क्यों है जरूरी?*

जातिगत जनगणना केवल आंकड़ों का संकलन नहीं, बल्कि यह समाज में व्याप्त असमानता को आंकड़ों के आधार पर पहचानने और उसे दूर करने का उपकरण है। इससे यह स्पष्ट होगा कि कौन से वर्ग अब भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं और किन्हें किस स्तर की योजनागत सहायता की आवश्यकता है।

*जातिगत जनगणना की घोषणा भारत के सामाजिक इतिहास में एक मील का पत्थर है।*

जातिगत जनगणना की घोषणा भारत के सामाजिक इतिहास में एक मील का पत्थर है। यह फैसला वंचित वर्गों को न केवल अधिकार दिलाने की दिशा में अहम साबित होगा बल्कि सरकार की जवाबदेही और नीतिगत पारदर्शिता को भी मजबूती देगा। गिरधारी यादव और कांग्रेस पार्टी का यह स्पष्ट संदेश है कि इस ऐतिहासिक प्रक्रिया को अधूरा नहीं छोड़ा जा सकता। कांग्रेस और उनके नेता राहुल गांधी इसके पूर्ण और न्यायपूर्ण क्रियान्वयन के लिए निरंतर संघर्ष करते रहेंगे।

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